May 3, 2025

किसानों की समस्या को लेकर शुरू किया जाएगा जन आंदोलन- बृजलाल शर्मा

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घुमारवीं (बिलासपुर) / 22 सितम्बर / सुरेन्द्र जम्वाल 

किसानों की समस्याओं को लेकर जन आंदोलन शुरू किया जायेगा इसके लिए सभा ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है तथा जिसकी शुरुआत जिला बिलासपुर के घुमारवीं चुनाव क्षेत्र से शुरू की जाएगी । हिमाचल प्रदेश के लोगों की जन समस्याओं को लेकर हिमाचल किसान एव जन कल्याण सभा हिमाचल प्रदेश की बैठक राज्य स्तरीय सभा के प्रदेशाध्यक्ष बृज लाल शर्मा की अध्यक्षता में सभा के कार्यलय घुमारवीं में संपन्न हुई है। विधान सभा मे पंहुचने वाले जनप्रतिनिधि नेता भी खोखले भाषण देकर समय व्यतीत कर रहे है। सभा ने किसानों की समस्याओं को लेकर हर पंचायत में ग्रामीण स्तर पर पैदल यात्रा करके नुक्क्ड़ सभाए व बैठके करेगी। इसका अभियान जिला बिलासपुर से शुरू करके पूरे हिमाचल प्रदेश तक किया जायेगा। किसानों एव अन्य जनमानस की सभी समस्याओं को लेकर स्वतंत्रता सेनानी  स्मारक मे महात्मा  गाँधी की जयंती बनाकर 2 अक्तूबर को धरना दिया जायेगा।

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कोरोना माहमारी के चलते सभी वर्गो को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हैरान होने का पहलू है कि सामान्य सर्दी जुकाम को भी कोरोना ही घोषित किया जा रहा है। जिसकी दवाई हॉस्पिटल में नही दी जा रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग में सरकार को निर्देश देने चाहिए कि जो लोग सर्दी जुकाम बुखार के पीडित जाते है उन्हें दवाई का प्रबंध होना चाहिए। 

कोरोना माहमारी से डरा डरा कर ही लोगो को घर मे बंद किया जा रहा है। इस कोरोना महामारी के चलते किसान वर्ग, दुकानदार वर्ग, अन्य सभी वर्गों के जिन लोगो ने अपना व्यवसाय चलाने के लिये बैंको से लोन ले रखा है। उन सभी वर्गों को जब तक कोरोना माहमारी है तब तक ऋण पर लगने वाला व्याज माफ होना चाहिए और किसानों के के सी सी ऋण माफ किए जाने चाहिए।
कोरोना माहमारी के चलते सभी वर्गों के व्यवसाय चौपट हो चुके है  और बेरोजगार बन गये है। किसानों की समस्याओं में जंगली जानवरों व बन्दरों एव आवारा पशुओं के बारे में, किसानों की भूमि का बंदोबस्त व टेलाबन्दी करवाने के बारे में, टी.सी.पी. एक्ट जैसे कानून को ही ग्रामीण गांवो  में किये गये लागू को तुरन्त वापिस  होने चाहिए। 

प्रत्येक वर्ष किसान अपनी फसल का बीमा करवाते है लेकिन जब किसी आपदा से व जंगली जानवरों द्वारा फसल तबाह होती है तो उन्हें बीमा की हुई फसल का कोई लाभ नही मिलता है। इसलिए यह प्रवाधान किया जाये कि इसमें जिस क्षेत्र मे और जिस किसान की फसल आपदा से जंगली जानवरों द्वारा तबाह की जाती है तो उसका आकलन करवा के किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। 

किसानों की फसल सुरक्षा के लिये बंदूक लाइसेंस की नवीकरण फीस 1600 रुपये की शीघ्र वापिस ले,  बिजली उपभोगताओं से बिजली बिल के नाम पर अतिरिक्त वसूली व बार बार मीटर चार्ज को रोका जाए, हिमाचल में सीमेंट के दामो को घटाया जाए क्योंकि दूसरे राज्यों में सीमेंट के दाम  हिमाचल की अपेक्षा कम है। हर उपमण्डल एव तहसील, उप तहसील वाइज में किसानो के लिये सब्जी मंडीयो  का प्रबंध होना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन हो रहा है लेकिन हिमाचल के विधुत उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली मिल रही है। दिल्ली जैसे राज्य की तर्ज पर हिमाचल के लोगो को भी 200 यूनिट बिजली फ्री मासिक दी जाये। 

किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष एव संघर्ष शील कर्मठ युवा किसान नेता बृज लाल शर्मा ने कहा कि किसानों की दशा इतनी दयनीय है कि जो किसान देश व प्रदेश में आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते है ना ही बेसहारा पशुओ का आज दिन तक कोई प्रबन्ध किया गया। जो किसानों की फसल को दिन प्रतिदिन उजाड़ने में कोई कसर नहीं रख रहे हैं और जान लेवा हमले कर रहे है। कई लोगो को घायल और कई को मौत के घाट भी उतार भी दिया गया हैै। लेकिन अभी तक इन अवारा पशुओं का हल कोई नही निकला है। अगर इन आवारा पशुओं का हल शीघ्र नही किया गया तो बहुत बड़ा जन आंदोलन होगा। 

हैरान होने का पहलू है कि किसी भी राजनैतिक पार्टी ने आम जनता की समस्याओं को प्रमुखता से नही उठा रही है। इन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र केवल मात्र औपचारिकता ही रह गई है। किसानों की समस्याओं व बेरोजगारों युवाओं के बारे में कोई चर्चा नही , केवल अपने ऐशो आराम कर रहे है। जनता की कोई परवाह नही है। अब सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिये लोगो को कोरोना माहमारी से डरा रहे है। जबकि यह सामान्य वायरस है। 

सरकार अपना भी करोड़ों रुपये का नुकसान कर रही है और आम जनता का भी लाखों रुपये का नुकसान करके बेरोजगार बना दिया। कई लोगो को दो वक्त की रोटी मिलना भी दुर्लभ हो रही है। प्रदेश की राजनीति पार्टियों ने इस प्रदेश को लगभग साठ हाजर करोड़ कर्ज़ पर धकेल दिया। 

इस अवसर पर सभा के प्रदेश महासचिव सीता राम शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम प्रकाश वशिष्ठ, सह सचिव हेमराज शर्मा, सदस्यों में अश्विनी कुमार, निक्का राम शर्मा, धनी राम वर्मा सलाहकार, दलेल सिंह, लेख राम ठाकुर, रघु राम, जगदीश कौशल, महंत राम, सन्त राम कौंडल सलाहकार, ज्ञान चंद, लौगू राम, नंद लाल, रूप लाल, रूप लाल शर्मा, दौलत राम चंदेल, लेख राम शर्मा, जगदीश जसवाल, सभा के कई पदाधिकारियों ने भाग लिया गया है।

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