स्वास्थ्य विभाग ने कोविड संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल के लिए परिजनों को जारी किया परामर्श

हमीरपुर / 06 मई / न्यू सुपर भारत
स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीज के देखभालकर्ता के लिए आवश्यक परामर्श जारी किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. अग्निहोत्री ने सभी से इन निर्देशों की अनुपालना करने का आग्रह किया है।
विभाग के परामर्श के अनुसार संक्रमित मरीज की देखभाल करते समय हमेशा ट्रिप्पल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोज़ेबल ग्लब्ज पहनें। मरीज के थूक, लार या छींक के सीधे संपर्क से बचें। बिना हाथ धोए अपने चेहरे, नाक या मुंह को न छुएं।
शौचालय जाने के बाद, खाना बनाने से पहले और बाद एवं मरीज के कमरे में जाने व संपर्क में आने के उपरांत अपने हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल कम से कम 20 सेकेंड के लिए करें अथवा अल्कोहलयुक्त हेंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
भोजन देते समय मरीज के सीधे संपर्क में न आएं। मरीज द्वारा उपयोग किए गए बर्तनों को साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें और उन्हें साफ करते वक्त डिस्पोज़ेबल ग्लब्ज पहनें। मरीज को उसका भोजन उसी के कमरे में दिया जाना चाहिए। मरीज के कमरे, बाथरूम और शौचालय की सतहों को रोजाना कम से कम दो बार साफ करें।
सफाई के लिए पहले घरेलू साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग करें, इसके बाद 1% हाइपोक्लोराइट घोल से डिसइन्फेक्ट करें। मरीज द्वारा उपयोग की गयी वस्तुएँ जैसे कि कपड़े, तौलिए, बेडशीट की सफाई या हैंडलिंग करते समय ट्रिप्पल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लब्ज का उपयोग अवश्य करें। मरीज के कपड़े, बिस्तर, लिनन, तौलिये इत्यादि को गर्म पानी व डिटर्जेंट में अलग से धोएं एवं इन्हें धूप में अच्छे से सूखा लें।
देखभालकर्ता सुनिश्चित करे कि मरीज निर्धारित उपचार का पालन एवं दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करें। देखभालकर्ता को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करना अनिवार्य है। अगर वे कोरोना के किसी भी गंभीर लक्षण को पाते हैं, तो इसकी सूचना 104 अथवा चिन्हित चिकित्सा/निगरानी अधिकारी को तुरंत दें। वे अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें (जोकि www.mygov.in/aarogya-setu-app/ पर उपलब्ध है) और यह हर समय ब्लूटूथ और इंटरनेट के माध्यम से सक्रिय रहनी चाहिए। देखभालकर्ता और मरीज के नज़दीकी संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस डॉक्टरी सलाह के अनुसार ही लेनी चाहिए।
जरूरी पोषण चार्ट
मरीज के खानपान संबंधी परामर्श जारी करते हुए कहा है कि उन्हें सुबह जल्दी नींबू की चाय 1 कप या नींबू पानी 1 गिलास (गुनगुना पानी) या करेले का रस या तुलसी का पानी या सूखा आंवला पाउडर (1 चम्मच) पानी के साथ/काढ़ा देना चाहिए।
सुबह के नाश्ते में दलिया (1 कटोरी), ब्राउन ब्रेड (2 स्लाइस), मक्खन या जैम व 2 अंडे या कॉर्नफ्लेक्स 1 कटोरी, भरवां परांठा 1, दही, 2 अंडे या चपाती (2), सब्जी, दही ओट्स, अंडे देने चाहिए। वैकल्पिक 1 कप दूध या 1 कप चाय दी जा सकती है।
दोपहर और रात के खाने में कोई भी दाल (90 ग्राम), चावल (1 कटोरी), चपाती (2 से 4), मौसमी सब्जी (1 कटोरी), खिचड़ी, दही/पुदीना चटनी (यदि उपलब्ध हो)। मौसमी सब्जियों के स्थान पर सप्ताह में दो बार पनीर/मांस (120 ग्राम) तथा वैकल्पिक तौर पर हरा सलाद (1 छोटी प्लेट) और कोई भी मौसमी फल दिया जा सकता है।
सायंकाल की चाय के तौर पर नींबू/हर्बल/हरी चाय/गिलोय का रस/घर का बना सूप (1 कटोरी) दें।
अनुशंसित चिकित्सा की खुराक में ज़िंक की गोली दिन में एक बार 50mg, विटामिन सी की गोली दिन में एक बार 500 mg, विटामिन डी की गोली हफ्ते में दो बार 2000 IU दें। प्रोटोकॉल के अनुसार आयुर्वेद विभाग द्वारा तैयार काढ़े का सेवन किया जा सकता है।