कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होने उपरांत भी रहें सजग : डीसी

झज्जर / 06 जून / न्यू सुपर भारत
कोरोना महामारी के मद्देनजर संक्रमित हुए लोग स्वस्थ होने के बाद भी स्वयं पूरी सजगता व सावधानी रखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा का मजबूत चक्र अपने आसपास विकसित रखें। अपने स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग ही हमें स्वास्थ्य सुधार की ओर ले जाने में अहम है। यह बात डीसी श्याम लाल पूनिया ने कही। जनहित में स्वास्थ्य सुरक्षा पहलुओं के तहत आमजन को जागरूक करते हुए डीसी ने सकारात्मक सुझाव देते हुए कोरोना से दूरी बनाए रखने का संदेश दिया।
डीसी श्याम लाल पूनिया ने कहा कि कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए लोग अपनी दिनचर्या पर विशेष फोकस रखें। उन्होंने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर अच्छी डाइट लें। गंभीर संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति को यदि ब्लैक फंगस के लक्षण स्वयं में दिखें तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की उचित देखभाल के साथ ही उनका स्वास्थ्य संबंधित उचित मार्गदर्शन स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा है। प्रशासन की हेल्पलाइन नंबर 1950 तथा स्वास्थ्य सेवाओं के तहत हेल्थ हेल्पलाइन व उमंग पोस्ट कोरोना केयर सेंटर ऐसे लोगों का निरंतर मार्गदर्शन कर रहे हैं।
जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सुधार में पूरी सावधानी बरतने के लिए समय अनुसार सचेत भी किया जा रहा है। डीसी ने कहा कि कोरोना से बचाव के व्यापक प्रबंध जिला प्रशासन द्वारा निश्चित किए गए हैं, ऐसे में संक्रमित मरीजों को चिकित्सा अधिकारियों के दिशा-निर्देशों की पालना करनी होगी तभी बीमारी से बचाव हो सकता है। महामारी के दौर में उपजी नई बीमारी ब्लैक फंगस को लेकर जिला वासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा के सुझाव भी प्रभावी रूप से दिए जा रहे हैं।
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए सावधानी बेहद जरूरी : सीएमओ सिविल सर्जन डा.संजय दहिया ने बताया कि स्वास्थ्य जांच में नेत्र रोग से जुड़ी टीम पूरी सक्रियता से लगी हुई है। उन्होंने बताया कि म्यूकर माइकोसिस इंफेक्शन अर्थात ब्लैक फंगस एक गंभीर बीमारी है, जो संक्रमित शरीर के अंदर तेजी से फैलती है। उन्होंने बताया कि यदि व्यक्ति को कैंसर, डायबिटीज, हार्ट, अस्थमा और टीबी जैसी घातक बीमारियों के साथ-साथ कोरोना की बीमारी भी है तो उन्हें ब्लैक फंगस की बीमारी से ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है।
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इस ब्लैक फंगस जैसी बीमारी से अधिक सचेत रहने की जरूरत है। ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़े, स्किन पर सीधे अटैक करता है और आंखों की रोशनी तक इस रोग के कारण जा सकती है। ऐसे में मरीज को यदि किसी भी रूप से पलकों पर सूजन दिखाई देती है तो आवश्यक चिकित्सक से जांच करवाते हुए सजगता बरतकर बचाव का सशक्त माध्यम अपनाएं।नेत्र रोग चिकित्सक डा.मीनू व डा.नूपुर का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण विकसित हो रही ब्लैक फंगस बीमारी से बचाव के लिए मरीज ब्लड ग्लूकोज पर नजर अवश्य रखें।
साथ ही स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय व डोस का पूरा ध्यान रखा जाए। ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान स्टेराइल वाटर का प्रयोग करें। एंटी बॉयोटिक व एंटी फंगल दवाइयों का सावधानी से इस्तेमाल करें और ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित रखें। यदि किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से भी संपर्क करें ताकि समय रहते इसका इलाज संभव हो सके।