कोरोना संकट में ग्राम पंचायत महल में जन सहयोग की भावना बरकरार, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ स्वयं सेवकों की टोलियां मदद को हरदम रहती तैयार

हमीरपुर / 25 मई / न्यू सुपर भारत
कोरोना महामारी ने आपस में शारीरिक दूरियां बेशक बढ़ाई हैं, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में जन सहयोग की भावना अभी बरकरार है। इसका जीवंत उदाहरण हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल की ग्राम पंचायत महल में मिल जाता है। यहां संक्रमित लोगों की मदद के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही स्वयंसेवकों की टोली हमेशा तत्पर व तैयार रहती है।
इस ग्राम पंचायत में हाल ही में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 20 तक पहुंच गया था। ऐसे में लघु कंटेनमेंट जोन बनने के उपरांत स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वयं सेवकों ने संक्रमितों की दैनिक आवश्यकताओं की जिम्मेवारी अपने कंधों पर ले ली। पंचायत प्रधान सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि गृह पृथकवास में रहने वालों से नियमित तौर पर दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क किया जा रहा है। वार्ड सदस्यों एवं अन्य ग्रामीणों की मदद से संक्रमित लोगों को दैनिक आवश्यक वस्तुओं एवं दवा इत्यादि की आपूर्ति की जा रही है। पंचायत क्षेत्र को एक बार सेनेटाईज किया जा चुका है। सार्वजनिक स्थलों को भी नियमित तौर पर स्वच्छ एवं साफ-सुथरा रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार व प्रशासन के सभी निर्देशों का पालन करवाया जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधि ब्याह-शादियों के आयोजन के दौरान औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं। ग्रामीण कोरोना महामारी को लेकर काफी सतर्क एवं जागरूक हैं और ऐसे समारोहों में 10-12 से अधिक लोग शामिल नहीं हो रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कोट गांव में आयोजित शादी का भी निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त अंतिम कर्म-क्रिया में भी अमूमन 10-15 लोग ही जुट रहे हैं।
सेनेटाइजेशन एवं अन्य कार्यों में उपप्रधान रवि, सभी वार्ड सदस्य, सिम्पल, नवीन उर्फ विक्की, कोट से सुरेंद्र कुमार, महल से संजय कुमार, अमृतलाल उर्फ सोनू इत्यादि कई ग्रामीण स्वयंसेवी के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं।
आवश्यक सेवाओं में जुटे चालकों को भोजन करवाने से मिल रहा संतोष
कोरोना कर्फ्यू के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को अनुमति प्रदान करने से कई वर्गों को राहत मिली है। हाईवे किनारे ढाबों के संचालन की छूट से आवश्यक वस्तुओं के ढुलाई कार्य में संलग्न विशेषतौर पर रात के समय वाहन चालकों को खाने की चिंता भी कम हुई है।
ऊना-भोटा-कलखर एक्सप्रेस हाईवे पर टियाले दा घट स्थान पर ढाबा चला रहे मेहर सिंह व उनके बेटे अभिषेक ने बताया कि कोरोना महामारी ने सभी की जीवनशैली में बदलाव लाया है। इस दौर में भी उन जैसे छोटे व्यवसायियों को ढाबे इत्यादि के संचालन की अनुमति देकर प्रदेश सरकार ने अच्छा कदम उठाया है।
प्रतिदिन वे एक से डेढ़ हजार रुपए की आमदनी अर्जित कर रहे हैं। उनके ढाबे पर आजकल अधिकांश आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई में लगे वाहन ही रूक रहे हैं। उनके लिए भोजन-पानी की व्यवस्था से जहां दिल को संतोष मिलता है, वहीं अपने परिवार की गुजर-बसर लायक आय भी प्राप्त हो रही है।