मुख्यमंत्री जी हमारी भी सुन लो, स्कूली बच्चों ने बीच खड्ड में खड़े होकर लगाई गुहार, ” हमे बचा लीजिए” !

मुख्यमंत्री जी हमारी भी सुन लो, स्कूली बच्चों ने बीच खड्ड में खड़े होकर लगाई गुहार, ” हमे बचा लीजिए” !
घुमारवीं / पवन चेंदेल
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह क्षेत्र जिला बिलासपुर के झंडुत्ता में बच्चों को जान हथेली पर रखकर स्कूल जाना पड़ रहा है लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है जबकि केंद्र में भी भाजपा सत्तासीन है हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा सत्तासीन है इतना ही नहीं झंडुत्ता विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी भाजपा पार्टी से ही संबंध रखते हैं लेकिन लोगों का विकास किस कदर हो रहा है इसका उदाहरण यह बच्चे जो देश का भविष्य है उनकी जुबानी ही सुनने को मिल रहा है। हालांकि देश चांद पर झंडे गाड़ने को आतुर है । लेकिन देश के यह नौनिहाल कैसे स्कूल पहुंचे इसी चिंता में अधिकांश बच्चे स्कूल भी नहीं पहुंच पा रहे हैं अगर पहुंच भी गए तो बच्चों के अभिभावकों को यही चिंता सता रही है कि शाम को बच्चे घर आएंगे भी या कुछ और ही अनहोनी सुनने को मिलेगी । आसमान में जैसे ही बादलों मड़राते हैं तो बच्चों के अभिभावकों की सांसे ही अटक जाती हैं ।
बिलासपुर जिले के तहसील झन्डूता में कई गांव ऐसे हैं जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव में नजदीक स्कूल न होने से यहां के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव से कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। वहीं नदी नालों में पुल न होने से स्कूल जाने के लिए नदी के गहरे पानी में उतरकर स्कूल जाने को नौनिहाल मजबूर हो रहें हैंं। बारिश के मौसम में इन नौनिहालों को स्कूल जाने मेें खासी परेशानी होती है। बच्चों की मुख्यमंत्री से फरियाद लुगाई है ।
गांव खमेडा़ नजदिक दसलेहडा़ तहसील झन्डूता, जिला बिलासपुर हि० प्र० के 40-50 बच्चे हर रोज सरहयाली खड्ड को पार करके रा०वा०मा० पाठशाला दसलेहडा़ में शिक्षा ग्रहण करने के लिये आते हैं । जानकारी के मुताबिक दसलेहडा़ के सरहयाली खड्ड के पार ये गांव खमेडा़ काफी सालों से राजनैतिक उपेक्षा का शिकार हो रहा है । इस गांव के लोगों को अगर दसलेहडा़ आना हो तो उन्हे सड़क के माध्यम से 12-13 कि०मी० का सफर शाहतलाई के रास्ते से करना पड़ता है।नदी पार कर स्कूल जाते ये बच्चे तेज बारिश होने पर स्कूल नहीं पहुंचते पातेें है।
सूत्रों की माने तो पूर्व सरकार के समय तत्कालीन विधायक ने इस गांव को सड़क निर्माण करवाने और सरहयाली खड्ड पर पुल के जरिये दसलेहडा़ गांव से जोड़ने के लिये प्रयास किया। । समय चक्र के साथ सरकारें आईं और गई । खमेडा़ गांव वासियों की समस्या यूं हीं मुंह फाड़ कर खडी़ रही गई ।
काफी लम्बे अर्से बाद इस गांव के लोगों ने लोकतंत्र प्रणाली में चुनावों का बहिष्कार करने का मन बनाया तो प्रशासन थोड़ा नींद में जागा, उस समय खमेडा़ गांव के लोगों को उम्मीद की किरण के साथ एक विवेक कुमार नौजवान दिखा उसने खमेडा़ वासियों को भरोसा दिलाया कि वह सरहयाली खड्ड में पुल डलवा कर दसलेहडा़ ग्राम पंचायत से जोड़ देगा। उसने मुहिम भी चलाई प्रयास और मेहनत भी की लेकिन वक्त की बिड़म्बना अचार संहिता लग गई। विधानसभा चुनाव आ गये । एक सेवा निवृत प्रसासनिक अधिकारी एक राजनैतिक दल का प्रत्याशी बना । उसने बहुत-बडे़-बडे़ वादे किए । जीतने के बाद सबसे पहले सरहयाली खड्ड पर इस पुल का निर्माण करूंगा। । आज स्कूल जाते बच्चे उसी विधायक, प्रशासन और माननीय मुख्यमन्त्री हिमाचल प्रदेश सरकार से इस बीडियो के माध्यम से अपील कर रहे हैं कि उन्हें बचा लो ।
ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप-
ग्रामीणों नें आरोप लगाया कि सांसद, विधायक, एवं जिला पंचायत अध्यक्ष से इस समस्या के बारे में वर्षों से अवगत कराया जा रहा है। एवं बीच-बीच में टेलीफोन एवं मिलकर कई बार अपील किया गया, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जनप्रतिनिधि वायदा तो करते हैं, लेकिन वायदा पूरा नहीं करते, जिसका नतीजा यह है कि आज भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
उधर झंडुत्ता विधानसभा क्षेत्र विधायक जीतराम कटवाल ने बताया कि यह मामला उनके ध्यान में है तथा उन्होंने इस बारे में प्रयास भी तेज कर दिए हैं । जिसका परिणाम है कि इस पुल के लिए धनराशि भी स्वीकृत हो चुकी है तथा शीघ्र ही इसका काम भी शुरू कर दिया जाएगा ।