ऊना / 27 जनवरी / न्यू सुपर भारत
विख्यात हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री चरणजीत सिंह का अंतिम संस्कार आज पूरे सम्मान के साथ ऊना में किया गया।
उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, विधायक सदर सतपाल सिंह रायजादा, एचपीएसआईडीसी उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार, जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, उपायुक्त राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर, विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारी, हिमोत्कर्ष के प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र कंवर, प्रेस क्लब ऊना के प्रधान सुरेन्द्र शर्मा, ऊना जनहित मोर्चा से राजीव भनोट सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।सायं साढ़े पांच बजे चरणजीत सिंह के पार्थिव शरीर को उनके सुपुत्र वीएन सिंह ने पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति में मुखाग्नि दी।
चरणजीत सिंह पिछले कुछ वर्षों से बीमार चल रहे थे तथा गुरुवार प्रातः 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।1964 के टोक्यो ओलंपिक हॉकी स्वर्ण पदक विजेता टीम के कप्तान रहे चरणजीत सिंह को अर्जुन अवार्ड व पदमश्री पुरस्कार से अलंकृत किया गया था।
जिला ऊना के नैहरियां में जन्में चरणजीत सिंह लायलपुर एग्रीकल्चरण कॉलेज से बीएससी कृषि की उपाधि हासिल करते हुए वर्ष 1949 में पहली बार यूनिवर्सिटी की तरफ से हॉकी खेले तथा 1958 से 1965 तक लगातार देश का प्रतिनिधित्व किया। चरणजीत सिंह ने 1960 व 1964 के दो ओलंपिक्स तथा एक एशियन स्पर्घा में भाग लिया, जबकि 1964 ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता हॉकी ओलंपिक टीम के कप्तान रहे।
सेंटर हाफ चरणजीत सिंह 60 के दशक के धुरंधर हॉकी खिलाड़ियों में गिने जाते थे। उनके नेतृत्व में भारत ने 1963 में फ्रांस में यूरोपियन प्रेस ज्यूरी के तत्वावधान में आयोजित इंटरनेशनल हाकी प्रतियोगिता में अभूतपूर्व जीत दर्ज की थी।
पद्मश्री चरणजीत सिंह पंजाब पुलिस में एएसआई के रूप में भर्ती हुए तथा 14 साल की नौकरी के बाद डीएसपी पद से सेवानिवृति ले ली। इसके बाद लुधियाणा कृषि विवि में उपनिदेशक स्टूडेंट वेलफेयर व हिसार कृषि विवि में 7 साल काम किया। वर्ष 1972 में हिमाचल प्रदेश में नौकरी की शुरूआत प्रदेश विवि शिमला में निदेशक फिजिकल एजूकेशन व यूथ प्रोग्राम के रूप में की।