श्रीकृष्ण की भक्ति से सराबोर हुई Central Jail

अम्बाला / 8 मई / न्यू सुपर भारत
अम्बाला की ऐतिहासिक सैंट्रल जेल रविवार सुबह उस समय भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से सराबोर हो गई, जब श्री अरविन्द घोष के 150वें जन्मदिवस वर्ष एवं आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति की टीम ने हवन-यज्ञ एवं संकीर्तन करके जेल में समां बांध दिया। हरियाणा के कारागार महानिदेशक अकिल मोहम्मद के मार्गदर्शन में आयोजित इस गीता जयंती समारोह की अध्यक्षता जेल अधीक्षक लखबीर सिंह बराड़ ने की, जबकि उप-अधीक्षक नीलम और डा.राजीव विशिष्ठ अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
जेल परिसर में पहुंची श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति की टीम में राजेश चावला राजू, जगदीश सचदेवा, रमेश गांधी, अनिल गर्ग, मोनू खरबंदा, राकेश अरोड़ा और मोनू चावला आदि शामिल थे।
पं.अभिषेक शर्मा ने हवन-यज्ञ करवाकर इस गीता जयंती समारोह का शुभारंभ किया। यज्ञ के मुख्य यजमान जेल अधीक्षक लखबीर सिंह बराड़ थे। इसके बाद पं. अभिषेक शर्मा, गोपिका वालिया और जेल के बंदियों ने अपने सुरीले अंदाज में ‘रे मन कर ले गीता पाठ, यही तेरे काम आएगा, भगवत स्तुति प्रार्थना गीता मंत्र, श्रीकृष्ण कृपा अमृत पाठ, सदा सर पर तेरा हाथ रहे’ आदि भजन गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा उन्होंने बहुत से भजन गाए और बंदियों को नियमित तौर पर श्री गीता जी का पाठ करने के लिए प्रेरित किया।
अपने संबोधन में जेल अधीक्षक लखबीर सिंह बराड़ ने स्वामी अरविंद घोष के जीवन पर प्रकाश डालते हुए भारत की आजादी में उनके योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वामी अरविंद स्वतंत्रता सेनानी, कवि, प्रकांड विद्वान, योगी और महान दार्शनिक थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
उन्होंने कहा कि महानिदेशक अकिल मोहम्मद के दिशा-निर्देश पर अम्बाला सैंट्रल जेल के बंदियों की सुविधाओं और उन्हें सद्कर्मों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए जेल प्रशासन द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। समय-समय पर महापुरुषों की पवित्र वाणी से रूबरू करवाने के अलावा उन्हें सकारात्मक वातावरण देने का भी पूरा प्रयास किया जा रहा है। इच्छुक बंदियों को उच्च शिक्षा एवं विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण देने के प्रबंध किए गए हैं, ताकि वे जेल से रिहा होकर सफलतापूर्वक जीवन यापन कर सकें।
समारोह के दौरान बंदियों को बताया गया कि उन्हें जेल में रहते हुए अच्छा व्यवहार करना चाहिए और कोई न कोई हुनर सीखना चाहिए, ताकि वे बाहर जाकर अपनी आजीविका कमा सकें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति की तरफ से राजेश चावला ने जेल की भजनमंडली को 3000 रुपए और गीता का पाठ कंठस्थ करने वाले बंदी को 500 रुपए की अतिरिक्त राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान बंदियों को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज द्वारा लिखित भजन पुस्तिका जीओ गीता सत्संग प्रभाव की प्रतियां वितरित की गईं। भजन संकीर्तन के बाद सभी बंदियों को प्रसाद और फल बांटे गए।