बिलासपुर / 12 जुलाई / न्यू सुपर भारत न्यूज़
मनरेगा योजना के तहत जिला बिलासपुर में चालू वित्त वर्ष के दौरान अभी तक लगभग 10 करोड़ 38 लाख रुपये की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर व्यय की गई। यह जानकारी ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन विभाग मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज जिला परिषद भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अभी तक मनरेगा के अंतर्गत 2 लाख 79 हजार 742 कार्य दिवस अर्जित कर लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने बताया कि गत वित्त वर्ष के दौरान जिला में मनरेगा के तहत 23 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि व्यय की गई। उन्होंने बताया कि पंचवटी योजना के तहत गांवों में पार्क निर्माण केन्द्र 10 तथा मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत 1059 जगह को चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका योजना के तहत जिला में 275 स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से अभी तक 82 समूहों का गठन का लिया गया है तथा उन्हें 33 लाख रुपये की राशि परिचालन हेतु उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गत वित्त वर्ष के दौरान 14 आवास के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई जिसमें से 6 आवास कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है शेष का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गत वित्त वर्ष के
दौरान 77 मकान निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन विभाग लोगों को राजेगार उपलब्ध करवाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाग रहा है। उन्होंने बताया कि मत्स्य मंडल बिलासपुर के अंतर्गत दो जलाशय तथा एक मत्स्य बीज प्रजन्न केन्द्र आते हैं उन्होंने बताया कि दोनो जलाशय में 10 प्रकार की मछलियां पाई जाती है। दोनों जलाशयों में 41 मत्स्य सहकारी सभाएं कार्यरत है। जिनमें लगभग 2599
मछुआरे, मत्स्य आखेर से आजिविका प्राप्त करके अपने परिवारो का भरण पोषण करते हैं। उन्होंन बताया कि गत वित्त वर्ष में गोविन्द सागर जलाशय में कुल 237.76 मिट्रिक टन व कोल डैम जलाशय में 9.2 मिट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ। चालू वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 2020 तक 73.13 मिट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
उन्होंने बताया कि समीप क्षेत्रों में अधिकतम विकास के कार्य पंचायतों के माध्यम से ही किए जा रहे है जिनके लिए जहां नए पंचायत घरों का निर्माण किया जा रहा है वहीं पंचायत भवन का संबर्धन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में गत तीन वर्षों के दौरान 20 पंचायत घरों के निर्माण व उपवर्धन के लिए लगभग एक करोड़ 54 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई। जिससे
पंचायत का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा पंचायत घरों का कार्य प्रगति पर है। जिला में गत तीन वर्षों के दौरान 4 कामन सर्विस सैंटर के लिए 20 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई। जिला में अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत 17 समुदायक भवनों के निर्माण हेतु लगभग 85 लाख रुपये की राशि स्वीकृति की गई।
उन्होंने बताया कि खुले में घुमने वाले पशुओं को अनाज देने तथा लोगों को राहत प्रदान करने के लिए पशु अभ्यारण्य व गौ सदन की स्थापना की जा री है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जिला में 12 गौ सदन कार्यरत है जिसमें 898 पशुओ को रखा गया है। इसके अतिरिक्त योजना के तहत 6 शैडो को स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने अधिकारियों का आहवान किया कि वे गौ सदरनों के निर्माण में सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से विकास कार्याें में तेजी लाने को कहा ताकि लोगों को विकास कार्याें का शीघ्र लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखे जिसमें कि लोगों को लम्बें समय तक लाभ प्राप्त हो सके।
विधायक सुभाष ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को मिले इसके लिए निरन्तर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खुले में घुमने वाले पशुओं के रखरखाव के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने की आवश्यकता है। उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत सिंह बंग्गा, गौ सदन आयोग के उपाध्यक्ष अशोक कुमार, पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा, ए.डी.एम. विनय धीमान, एस.डी.एम. सदर रामेश्वर, निदेशक मत्स्य सतपाल मैहता, पी.ओ.डी.आर.डी.ए. राजेन्द्र गौतम, जिला पंचायत अधिकारी शशी बाला, सहायक निदेशक पशु पालन डाॅ. अविनाश शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।