Site icon NewSuperBharat

हिमाचल प्रदेश में इस बार 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर होगा पूर्ण प्रतिबंध- मत्स्य विभाग द्वारा किये गये व्यापक प्रबंध

बिलासपुर / 30 मई / न्यू सुपर भारत न्यूज़

निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य सतपाल मैहता ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश के जलाश्यों एवं सामान्य नदी नालों व इनकी सहायक नदियों में 12 हजार से अधिक मछुआरे मछली पकड़ कर अपनी रोजी रोटी कमाने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 5 जलाश्यों क्रमशः गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम एवं रणजीत सागर जिनका क्षेत्रफल 43 हजार 785 हैक्टेयर के करीब है में 5 हजार 300 से अधिक मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सामान्य जलों ट्राऊट जलों के अतिरिक्त जिनकी लंबाई 2 हजार 400 किमी के
लगभग है में 6 हजार से अधिक मछुआरे फैंकवां जाल के साथ मछली पकड़ने के कार्य में लगे हैं। इन सभी मछुआरा परिवारों को निरंतर मछली मिलती रहे तथा लोगों को प्रोटीनयुक्त प्राणी आहार मछली के रूप में मिलता रहे, इसका दायित्व हिमाचल प्रदेश  मत्स्य पालन विभाग का है।

उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग इस चुनौती के समाधान के लिए प्रतिवर्ष सामान्य जलों में दो माह के लिए मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है क्योंकि इस अवधि में अधिकतर महत्वपूर्ण प्रजातियों की मछलियां प्राकृतिक प्रजनन करती हैं जिससे इन जलों मे स्वतः मछली बीज संग्रहण हो जाता है। इस कार्य हेतू विभाग को मत्स्य धन संरक्षण का कार्य बड़ी तत्परता से करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के जलाश्यों में मत्स्य धन संरक्षण हेतु विशेष कर्मचारी बल तैनात कर कैम्प लगाये जाते हैं जिससे ये कर्मचारी जल एवं सड़क, दोनों मार्गो से गश्त कर मत्स्य धन की सुरक्षा करते हैं।

उन्होंने बताया कि पहले यह बन्द सीजन 1 जून से 31 जुलाई तक होता था परन्तु 22 मई से हिमाचल प्रदेश मत्स्य नियम 2020 लागू होने से इस बार विभाग द्वारा 16 जून से 15 अगस्त तक बन्द सीजन का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इस अवधि में प्रदेश के सामान्य जलों में किसी भी प्रकार के मछली शिकार व बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। इन जल क्षेत्रों से सम्बंधित कर्मचारियों द्वारा कोविड-19 के मध्यनजर सामाजिक दूरी एवं अन्य दिशा निर्देशों का पालन  किया जाएगा।

Exit mobile version