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प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंध आधार पर लगें डॉक्टरों के बेतन में कटौती दुर्भाग्यपूर्ण :संत लाल शर्मा

अर्की / 04 अगस्त / अनीता गुप्ता

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोशिएशन के मुख्य सलाहकार सेवानिवृत्त पूर्व सयुंक्त निदेशक स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर संत लाल शर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंध आधार पर लगें डॉक्टरों के बेतन में कटौती को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सरकार का यह निर्णय प्रदेश न तो प्रदेश हित मे ही है और न ही डॉक्टरों के हित मे।

उन्होंने कहा है कि सरकार को अपने इस फरमान को तुरंत वापिस लेते हुए डॉक्टरों के किसी भी आक्रोश से बचना चाहिए। उनका कहना है कि आज जबकि पूरा विश्व कोविड 19 की माहमारी झेल रहा है ऐसे में यही डॉक्टर लोगों की ढाल बन कर सबसे आगे योद्धा बने है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार का कोई भी फरमान इनके मनोबल पर विपरीत असर डाल सकता है। डॉ.संतलाल ने जारी एक बयान में आज बताया कि एक एमबीबीएस डॉक्टर अपनी पांच साल की कड़ी मेहनत के बाद अपनी सभी परीक्षाए उत्तरिण करने के उपरांत मानव सेवा के लिए डॉक्टर बनता है।

इस दौरान उसे अपनी ड्यूटी  में भी हररोज पढ़ाई करते हुए लोगों की सेवा करनी होती है। उन्होंने कहा कि सरकार के ताजा फरमान से इन्हें जुलाई में 26,250 रुपये बेतन मिला है जबकि पहले 34,350 रुपये मिलते थे।इस प्रकार सीधे ही इनके बेतन से 8100 रुपये प्रति माह कम हो गए है।उन्होंने इस कटौती पर हैरानी जताते हुए कहा है कि एक डॉक्टर का बेतन 26, हजार होना इनके साथ एक बहुत बड़ा अन्याय है, क्योंकि आज एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का बेतन भी इससे कही अधिक है। उन्होंने अनुबंध आधार पर लगें डॉक्टरों से पहले दी गई ग्रेड पे से किसी भी प्रकार की रिकवरी को भी पूरी तरह अनुचित ठहराया है।

डॉ.संतलाल शर्मा ने डॉक्टरों की बेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग करते हुए राज्य सरकार से नय नियुक्त होने वाले डॉक्टरों को किसी भी अनुबंध की जगह स्थाई नियुक्ति देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से एक तरफ प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी होगी व दूसरी तरफ इनके बढ़ते पलायन को भी रोका जा सकता है।

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