अर्की / 31 जनवरी / कृष्ण रघुवंशी
आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन आंगनवाड़ी कर्मियों का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधान विमला ठाकुर की अगुवाई में विधायक संजय अवस्थी से अपनी मांगों को लेकर मिला| प्रधान विमला ठाकुर ने विधायक द्वारा सरकार से मांग की की आंगनवाड़ी कर्मियों को ही प्री नर्सरी कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए ,क्योंकि 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य वर्तमान में आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं।
प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनवाड़ी वर्कर्स को ही दिया जाए, क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी है वह अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन का संचालन कर रहे हैं। इसलिए उनकी नियमित नियुक्ति की जाए, तथा इसकी एवज में उनका वेतन भी बढ़ाया जाए। हरियाणा की तर्ज पर आंगनवाड़ी वर्कर्स को ₹11,500 हेल्पर को ₹5,500 मासिक मानदेय दिया जाए। हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर का वेतन मान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए।
केंद्र सरकार द्वारा तत्काल पोषण ट्रैकर एप पर रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार द्वारा तत्काल डीबीटी योजना पर रोक लगाई जाए। हिमाचल प्रदेश में वेदांता कंपनी व नंद घरों के माध्यम से किये जाने वाले निजीकरण पर रोक लगाई जाए। नई शिक्षा नीति को वापस लिया जाए क्योंकि यह न केवल छात्र विरोधी है अपितु आईसीडीएस विरोधी भी है। वर्ष 2021 के आईसीडीएस बजट में भी की गई 30% की कटौती को वापस लिया जाए। वर्ष 2013 में हुए 45 में भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनवाड़ी कर्मियों की नीतियों को नियमित किया जाए।
आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए ₹3000 पेंशन ₹2 लाख ग्रेजुएटी मेडिकल व छुट्टी की सुविधा दी जाए। आंगनवाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 की जाए । मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत वर्कर को अन्य आंगनवाड़ी वर्कर्स के समान वेतन दिया जाए व उन्हें पूर्ण आंगनवाड़ी वर्कर्स का दर्जा दिया जाए।
आंगनवाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत किए गए कार्यों की बकाया राशि का भुगतान तुरंत किया जाए। आंगनवाड़ी योजना में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना को लागू न किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को ताजा पका हुआ भोजन दिया जाए। इस मौके पर महासचिव स्वरचा गुप्ता, नीलम, कांता देवी, अनीता, नर्मदा देवी सहित अन्य उपस्थित रहे