चिकित्सक परामर्श से ही करें आयुष काढ़े का प्रयोगः डॉ. गोविन्द राम
मंडी / 07 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
कोरोना महामारी के दौरान लोगोंकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्धेश्य से आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वाराआयुष काढ़े के प्रयोग बारे सुझाव दिया है। यह जानकारी देते हुए जिला आयुर्वेद अधिकारीडॉ. गोविन्द राम ने बताया कि विभिन्नप्रकार का काढ़ा बाजार में उपलब्ध है। बाजार में उपलब्ध विभन्न प्रकार से जोकषाय (काढ़ा) आ रहा है उन सभी में अलग-अलग प्रकार के घटक द्रव्य है,केवल मात्र काढे़ के नाम से इसका अधिक प्रयोग करने से नुकसान भी हो सकता है। उन्होेंने लोगों से आग्रह किया कि आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श के बिना काढ़े का प्रयोगन करें।
डॉ. गोविन्द राम ने बताया कि जिला में स्थापित डेडिकेटिडकोविड केयर सेंटरों में उपचाराधीन रोगियों को आयुर्वेदचिकित्सक के परामर्श पर ही काढ़ा दिया जा रहा है। आयुर्वेद वात, पित एवं कफ (त्रिदोष) पर आधारित है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग प्रकृति के मरीजों में मात्रा को ध्यान में रख कर ही इसका प्रयोग किया जाता है। इसके कुछ द्रव्य पित वधर्क होने के कारण पित प्रकृति वाले मरीजो को नुकसान करसकता है। समान्य लोगो को आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श पर ही रोगानुसार काढे़का प्रयोग करना चाहिए। आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आयुष काढ़ेमें तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ और मुन्नका घटक द्रव्य है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 15 मई, 2020 को कोविड पॉजीटिव रोगियों की डाईट प्लान के लिए एक र्सकुलर जारीकिया गया है। इसके तहत ही कोविड केयर सेंटर में काढ़े के सन्दर्भ मेंप्रौटोकोल के अनुसार आयुर्वेदिक विभाग काढ़े प्रयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में कोविड केयरसेंटरों में काढ़ेको आवश्यकतानुसार आयुर्वेदिक चिकित्सकों के परामर्श पर ही दिया जा रहा है। आयुष काढ़े के प्रयोग केे अच्छे परिणाम निरन्तर सामने आ रहे हैं। मरीज जल्दी ठीक हो कर अपने घरों को लौट रहे हैं।