June 16, 2025

हरियाणा-हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित उपमण्ड़ल के आधा दर्जन गांवों के किसानों के लिए वन विभाग द्वारा बनाई गई पक्की कूहल बेहद लाभकारी हो रही साबित

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नारायणगढ / 22 नवम्बर /  न्यू सुपर भारत

हरियाणा-हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित उपमण्ड़ल के आधा दर्जन गांवों के किसानों के लिए वन विभाग द्वारा बनाई गई पक्की कूहल बेहद लाभकारी साबित हो रही है। करोड़ों रूपये की राशि से विगत वर्ष यह पक्की कूहल तत्कालीन राज्य मंत्री एवं पूर्व विधायक एवं वर्तमान में सांसद नायब सिंह सैनी के प्रयासों से किसानों की मांग पर बनाई गई थी।

बता दें कि वन रेंज नारायणगढ के अन्तर्गत गत वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 में पानी की पक्की कूहल का निर्माण कार्य करोडों रूपयों की लागत से करवाया गया था। यह कार्य वन रेंज नारायणगढ़ के विभिन्न गावंों टोका, मियंापुर, फिरोजपुर, काठे माजरा, जन्गु माजरा, चैची माजरा व मुगल माजरा में करवाया गया था।

जिससे इन गावों के किसानों को सिंचाई हेतू पानी की पक्की कूहल का निर्माण होने से सिंचाई आदि के कार्य करने में बहुत लाभ हुआ है। इस पानी की पक्की कूहल के निर्माण से लगभग 2000 किसान परिवारों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहा है। क्योंकि जो इस स्थान पर पुरानी पानी की कच्ची कूहल बनी हुई थी वो काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी तथा उसमें काफी घास एवं जंगली झाडिय़ां आदि होने से पानी बहुत कम मात्रा में  सिंचाई हेतू जरूरतमंद किसानों के खेतो तक पहुंच रहा था।


क्या कहते है वर्तमान में कुरूक्षेत्र से सांसद एवं पूर्व में नारायणगढ़ से विधायक रहे नायब सिंह सैनी:- उन्होंने कहा कि किसानों के अनुरोध पर इस कूहल को पक्की करवाया गया जिससे जहां किसानो को सिंचाई की सुविधा मिली है वहीं टयूबैल के पानी पर भी निर्भरता कम हुई है। उन्होने कहा कि पूर्व की सरकारों में इस कूहल को पक्का करवाने की ओर ध्यान नहीं दिया गया और क्षेत्र के किसानों द्वारा जब उनके सामने यह मांग रखी गई तो उन्होंने वन विभाग व शिवालिक विकास एजैन्सी के माध्यम से इस कूहल को पक्का करवाया।

बॉक्स-वन राजिक अधिकारी मोहन लाल ने बताया कि कूहल के साथ लगते गांवों के किसानों की मांग पर वन विभाग द्वारा शिवालिक विकास एजैन्सी के साथ मिलकर तथा इस एजैंसी से इस कार्य को करने हेतू बजट उपलब्ध होने पर पानी की पक्की कूहल का निर्माण कार्य करवाया गया। इस पानी की पक्की कूहल को हिमाचल प्रदेश की सीमा से लेकर सर्वप्रथम गांव फिरोजपुर, काठे माजरा, जन्गु माजरा तथा चैची माजरा, मियांपुर, मुगल माजरा व टोका तक निर्माण कार्य करवाया गया तथा सिंचाई हेतू पानी को किसानों के खेतों तक पहुंचाने का कार्य किया गया।

उन्होंने बताया कि गांव रामपुर व जन्गु माजरा के किसानों को सिंचाई हेतू पानी उपलब्ध करवाने के लिए वन  विभाग द्वारा बकाया पानी की पक्की कूहल को बनाने के लिए अनुमान शिवालिक विकास एजैन्सी को भेजे हुए है तथा जैसे ही बजट प्राप्त होता है इन गांवों में भी पानी की पक्की कूहल का निर्माण कार्य करवाया दिया जायेगा।

क्या कहते है किसान- गांव काठेमाजरा के किसान जसमेर सिंह ने कहा कि वे 5 एकड़ में खेती करते है और इस कूहल के पक्का होने से खेतों तक पानी बिना किसी बाधा के सुगमता से पहुंच जाता है और टयूबैल चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है। किसान सिंगराम ने कहा कि कूहल में पानी रूण नदी से आता है और इस कूहल में वर्ष में लगभग आठ-नौ मास पानी सिंचाई के लिए रहता है। उन्होंने कहा कि यह कूहल अंग्रेजों के समय से स्थित है जो पहले कच्ची होती थी जिसे सांसद नायब सैनी ने यहां से विधायक रहते विगत वर्ष पक्का करवाया था।

उन्होंने कहा कि कूहल के पक्का होने से किसानो को एक बड़ी राहत मिली है जिसके लिए वे सांसद नायब सैनी का धन्यवाद भी करते है।युवा किसान प्रदीप कुमार ने कहा कि कूहल को पक्का करवाने की मांग एक लम्बें समय से किसान करते आ रहे थे, लेकिन इस ओर पूर्व सरकारों में ध्यान नहीं दिया गया और जब पूर्व विधायक एवं वर्तमान में सांसद नायब सैनी के ग्रामीण दौरे के दौरान उनके सामने कूहल को पक्का करवाने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार करते हुए मौके पर मौजूद अधिकारियों को इस सम्बंध में उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।

गांव जंगूमाजरा के किसान बचना राम तथा काठेमाजरा के किसान बाबुराम बख्शी, सूरजभान ने भी कूहल के पक्की होने के लाभ बताते हुए कहा कि कूहल पक्की होने से पानी का रिसाव रास्ते में नहीं होता और खेत तक पानी बड़ी सुगमता के साथ जल्द पहुंच जाता है जबकि यह कूहल जब कच्ची थी तब पानी बीच में ही रिसाव हो जाता था और बड़ी कौशिशों के बाद कम ही मात्रा में पानी खेत तक पहुंच पाता था।

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