मन के कलेशों को मिटाने के लिए करें ईश्वर का भजन-अतुल कृष्ण महाराज
मन के कलेशों को मिटाने के लिए करें ईश्वर का भजन-अतुल कृष्ण महाराज
ऊना, 20 जुलाई :
मन के कलेशों को मिटाने का एक ही तरीका है ईश्वर का भजन। जब हम अपने अस्तित्व को पहचानने की यात्रा करते हैं तभी सत्य का बोध हो पाता है। संसार की आसक्ति में अंतत: हमें पछताना ही पड़ता है। जब कोई साथ नहीं निभाता तब भगवान साथ निभाते हैं। उक्त अमृतवचन श्रीशिव महापुराण कथा के पहले दिन में परम श्रद्धेय स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने शिव मंदिर बिजली बोर्ड काम्प्लेक्स रक्कड़ कॉलोनी ऊना में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान से विमुख जीव को जीवन में निराशा ही हाथ लगती है। लौकिक एवं पारलौकिक सुखों से वे प्राणी वंचित रह जाते हैं जो लोक नियंता श्रीहरि की भक्ति नहीं करते। हमें अपनी दुर्बलताओं का त्याग करना चाहिए। भगवान से बार-बार मांगना भी एक मानवीय दुर्बलता है। हम ऐसा मान बैठते हैं कि जब तक हम भगवान को बताएंगे नहीं तब तक उन्हें हमारी जरूरतों की पूर्ति की चिंता न होगी। जब कि सच्चाई यह है कि प्रभु अंतयार्मी हैं। उन्हें बिना बताए ही सब कुछ पता है। अतुल कृष्ण ने कहा कि भगवान शिव की साधना का मूलमंत्र मन की पवित्रता है। विपत्ति काल में भगवान से ही हमारी रक्षा होगी संसार के साधनों से नहीं। गजेन्द्र को भी यही भ्रम था कि हमारे सगे-संबंधी संकट के समय हमारी सहायता करेगें पर सब पराए हो गए। हम मंहगे, चमकीले, मूल्यवान साधनों का, धन-संपत्ति का, उच्च प्रतिष्ठित लोगों, सत्ता शक्ति एवं अधिकार का जीवन भर संचय करते रहते हैं कि विपत्तियां हमसे दूर रहें। वास्तव में हमारे सारे उद्यम एवं परिश्रम विफल ही सिद्ध होंगे अगर हम प्रभु को भूल गए। कथा से पूर्व प्रात: 9 बजे शिव मंदिर से ब्रह्मोती तक कलशयात्रा भी निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर आर डी अग्निहोत्री, ओम प्रकाश शर्मा, अश्विनी शर्मा, खुशविन्द्र सिंह, राकेश कौशल, जसविन्द्र सिंह, सुशील धीमान, नीरज शर्मा, अजय पराशर, शुक्ला जी, मनजिन्द्र सिंह, शांति स्वरूप, जीवन शर्मा, राजेश ठाकुर, विजय कुमारी, बीना गर्ग, कुसुमलता अग्निहोत्री व बबली सहित अन्य उपस्थित रहे।